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मानगढ़

Íजस िशखर पर आप बै ठे ह उसका नाम है मानगढ़ | मानगढ़ म मान लीला हई



है | यहाँ Fठ| हई

राधा रानी को ?याम सु=दर ने मनाया था | मनाने के बहत से

उपाए Íकये | कभी उनके चरण| म म1तक रखते ह , कभी उनको पंखा करते
ह , कभी दप ण Íदखाते ह और कभी Íवनती करते ह | पर जब राधा रानी नह|ं
मानती ह तब ?याम सु=दर सÍखय| का सहारा लेते ह |

इ=ह|ं लीलाय| के कारण इस 1थली का नाम मानगढ़ पड़ा | मान माने Fठना |
ये मान Íकसी लड़ाई या Hोध से नह|ं होता है जै से क| सं सार म होता है | ये मान
एक üेम क| लीला है | राधा रानी ?याम सु=दर के सु ख हे तु मान करती ह |
मान मंÍदर म ÷ी मान Íबहार| लाल जी के दश न ह | मान Íबहार| लाल तो या³ा म
हमारे साथ ह| चल रहे ह तो सबसे पहले हाथ जोड़ ल और म=³ बोलकर इनको
üणाम कर |
मान मÍ=दर üाथना म=³

दे व ग=धव र¹याय राधा मान Íवधाियने |
मान मÍ=दर सं 7ान नम1ते रतन भूमये |




इस म=³ का अथ है Íक मान मंÍदर म Íद¯य ग=धव लोग रहते ह और यहाँ
राधा रानी जी मान करती ह | उसे हम üणाम करते ह |

गोÍव=द जी का पद है | इसम ऐसा िलखा है Íक राधा रानी का मान िशखर के
नीचे से शुF हआ

और जै से - जैसे ?याम सुंदर ने मनाया वैसे - वैसे ÷ी जी
ऊपर चढ़ती आयीं |



जब ÷ी जी ऊपर चढ़ आयीं तो ?याम सुंदर ने सÍखय| का सहारा िलया |
उ=ह|ने Íवशाखा जी व लिलता जी से कहा Íक जाओ राधा रानी को मनाओ |
हमार| तो सामथ नह|ं है | हम तो थक गये | तो ÷ी लिलता जी व अ=य
सÍखयाँ जब यहाँ आती ह और ÷ी जी से कहती ह Íक आप अपना मान तोड़
दो तो ÷ी जी मना कर दे ती ह |
सखी ठाकु र जी के पास नीचे जाती ह तो ठाकु र जी Íफर ऊपर भेज दे ते ह |
Íफर नीचे जाती ह तो Íफर ऊपर भेज दे ते ह |


तो आÍखर म सखी बोली Íक हे राधे मानगढ़ पे म कई बार चढ़| और कई
बार उतर| | म तो थक गई | आपका मान तो टटता ू ह| नह|ं | म और कहाँ
तक दौडूँ ? इधर से आप भगा दे ती हो और उधर से वो बार-बार üाथना करते
ह Íक जाओ-जाओ, इसिलये हे राधे ,

( आवत जात हार गई र| - - - भजन )

सखी कहती है Íक हे राधे म हावद ू क| गद क| तरह से लटक रह| हँ

| ÍHकट
म तो एक आदमी गद को मरता है पर हावद ू म हर कोई ग द को मरता है |
वैसे ह| आप दोन| मुझे मार रहे ह | हे राधे ज~द| से ?याम सुं दर से िमलो |
ये रात बीतती जा रह| है |


यह| मान मंÍदर क| लीला है |
ये मान मंÍदर ü(िगर| पव त पर बना है , जहाँ पर ÷ी राधा रानी मान करती
ह | मान लीला समझना बहत

कÍठन है | मान को सं सार म Fठना समझा
जाता है | ये Fठना नह|ं है यहाँ, ‘ मान’ एक लीला है | लोग कलह को मान
लीला समझ लेते ह |ये ‘ कलह मान’ नह|ं üणय मान है | जब ÷ी जी दे खती
ह Íक ?याम सु=दर हमार| üे म क| आधीनता अिधक चाहते ह , हमारे चरण
1पश चाहते ह तब वो मान करती ह | तो ये बड़े संHेप म बता रहे ह Íक
मान लीला üे म क| बहत ह|

अ{त ु लीला है जहाँ ÷ी जी मान करती ह |

üज लीला म मुFय व1तु 4या है ? मुFय व1तु है üेम | ü( का सव सार ह| üे म
है | ÷ी कृ *ण राधा रानी के चरण पकड़ते ह यह एक गुB लीला है | इसे समझना
कÍठन है | एक बात और है | ये बात बताने के पहले Íक ?याम सु =दर लाड़ली जी
के चरण आकर पकड़ते ह एक बात समझना ज³र| है Íक राधा रानी कौन ह ?
राधा रानी कौन ह ? बहत

थोड़े म समझ लो Íक ‘ रा’ धातु के बहत

से अथ होते
ह | दे वी भागवत म इसके बारे म िलखा है Íक Íजससे सम1त कामनाय, कृ *ण को
पाने क| कामना तक भी, िस@ होती ह | सामरस उपिनषद म वण न आया है Íक
राधा नाम 4य| पड़ा ? भगवान सcय सं क~प ह | उनको यु @ क| इ¯छा हई

तो
उ=ह|ने जय Íवजय को ÷ाप Íदला Íदया | तप1या क| इ¯छा हई

तो नर-नारायण
बन गये | उपदे श दे ने क| इ¯छा हई

तो भगवान कÍपल बन गये | उस सcय
संक~प के मन म अनेक इ¯छाएं उcप=न होती रहती ह | भगवान के मन म अब
इ¯छा हई

Íक हम भी आराधना कर | हम भी भजन कर | अब Íकसका भजन
कर ? उनसे बड़ा कौन है ? तो ÷ु ितयाँ कहती ह Íक 1वयं ह| उ=ह|ने अपनी
आराधना क| | ऐसा 4य| Íकया ? 4य|Íक वो अके ले ह| तो ह , तो वो Íकसक|
आराधना कर गे | तो ÷ु ित कहती ह Íक कृ *ण के मन म आराधना क| इ¯छा
üगट हई

तो ÷ी कृ *ण ह| राधा रानी के Fप म आराधना से üगट हो गये |
इसीिलए ये मान आÍद लीला म जो कृ *ण चरण पकड़ते है , एक Íवशेष üे म लीला
है | राधा रानी को तो छोड़ दो, वो तो उनका ह| Fप ह , उनक| ह| आcमा ह |
भगवान कहते ह Íक तु म िनरपेH हो जाओ तो म तु ¹हारे भी चरण| के पीछे
घूमुं गा Íक Íजससे तु ¹हार| चरण रज मेरे ऊपर पड़ जाये और म पÍव³ हो जाऊं |
भगवान तो रिसक ह जो भñ| के चरण| क| रज के िलये उनके पीछे दौड़ते ह |
जब भगवान भñ| क| चरण रज के िलये भñ| के पीछे दौड़ते ह तो राधा रानी के
चरण पकड तो इसम 4या आ°य ? तो ऐसी Íद¯य üे ममई व 1वादमई लीला
मानगढ़ पर होती है |

रस का मूल बरसाना है | ये हम नह|ं कह रहे ह , ये üमाण कह रहे ह | ¯यास जी
ने िलखा है Íक रस का मूल बरसाना इसिलये है Íक ÷ी राधा रानी के चरण यहाँ
Íदन - रात Íवचरा करते ह | इसी मान मंÍदर म ह| ÷ी रम श बाबा जी महाराज
रहते ह |


इसी मंÍदर के üांगण म वो रोजाना सcसंग करते ह


और ठाकु र जी के सामने नृ cय करते ह |


भñ उनका दश न और सcसं ग पाकर कृ ताथ हो जाते ह |

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