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Reasons: Why Twins have different destiny

जु ड़वा बच्चों का भववष्य एक समान क्चों नह ों हचता? यह प्रश्न अक्सर चचाा का ववषय रहा है वक यवि
िच बच्चों का जन्म एक ह स्थान, एक ह विन और एक ह समय में हुआ है तच उनका ज वन भ
एक जै सा क्चों नह हचता। यूवनसेफ सोंस्था क गणना के अनु सार पूरे ववश्व में प्रवतविन औसतन त न
लाख त्रे पन हज़ार बच्चों का जन्म हचता है । वजस के अनु सार िच सौ पचपन बच्े प्रवत वमनट या चार
से पाों च बच्े प्रवत सेकोंड पैिा हच रहे हैं। वफर भ सभ का भववष्य एक िू सरे से अलग क्चों हचता है
| ज्यचवतष गणना के वलए जन्म स्थान, जन्म वतवथ व् जन्म समय क आवश्यकता हचत है । यवि इन
आों कड़च में यह भ मान वलया जाय वक इन बच्चों का जन्म स्थान अलग - अलग रहा हचगा तब भ
जु ड़वााँ बच्चों का जन्म स्थान तच एक ह रहता है और एक ह गभा से पैिा हचते हैं वफर िच जु ड़वााँ
बच्चों का भववष्य एक समान हचना चावहए ले वकन ऐसा नह ों हचता और कई बार तच एक बच्े क जन्म
के समय ह मृ त्यु हच जात है और िू सरा बच्ा स्वस्थ और ि र्ा आयु ले कर खु शहाल ज वन व्यत त
करता है |

ज वववज्ञान के अनु सार एक ह गभाा वस्था में पैिा हचने वाल िच सोंतानचों कच जु ड़वााँ (विन) कहा जाता
है | जु ड़वााँ सोंतानचों के मुख्यतः िच प्रकार हचते हैं ; वियुग्मनज (डाईज़ाईगचवटक या फ्रैटनाल विन) तथा
एकयुग्मनज (मचनचज़ाईगचवटक या आइडें वटकल विन)| फ्रैटना ल विन िच अलग – अलग अन्डच में िच
अलग शु क्राणुओ िारा बने िच भ्रू णचों से बनते हैं जबवक आइडें वटकल विन एक ह जाइगचट (युग्मनज)
के ववभावजत हचने से बने िच भ्रू णचों िारा उत्पन्न हचते हचते है अथाा त् एक ह अोंडे में शु क्राणु के
ववभाजन से | फ्रैटना ल विन या वियुग्मनज जु ड़वााँ अक्सर अलग वलों ग के हचते हैं और इनका ब्लड ग्रुप
भ अलग हचता है जबवक आइडें वटकल विन या एकयुग्मनज जु ड़वााँ एक ह वलों ग के हचते हैं और
इनका ब्लड ग्रुप भ समान हचता है |

फ्रैटना ल विन या वियुग्मनज जुड़वााँ में तच ज व का अोंश - शु क्राणु भ िच अलग हचते हैं वजस के
कारण एक सन्तान िू सर सन्तान से वभन्न हचत है और स्वाभाववक है वक उनका ज वन भ वभन्न हचगा
| ले वकन आइडें वटकल विन या एकयुग्मनज सोंताने तच एक ह ज व के अोंश यावन एक ह शु क्राणु से
उत्पन हचत हैं वजनका वलोंग, ब्लड ग्रुप व् चेहरे क सोंरचना भ समान हचत है तच उनके ज वन में
पाय जाने वाल वभन्नताओों का क्ा कारण रहता है | यहााँ पर इस बात पर ध्यान िे ना भ आवश्यक
है वक वकस भ ज व के ववकास में उसक पररस्स्थवत व् वातावरण का महत्वपूणा प्रभाव रहता है |
बच्े के जन्म के पश्चात् तच आइडें वटकल विन या एकयुग्मनज जु ड़वााँ भ अलग – अलग वातावरण एवों
पररस्स्थवतयचों में ववस्क्सत हचते हैं ले वकन गभा के भ तर भ इनके ववकास में स्स्थवत स्स्थर नह रहत जच
वक बच्े के वहलने जु लने जै स वक्रयाओों से बिलत रहत है | यह कारण भ है वक इस सोंसार में
उत्पन वकस भ प्राण के वफोंगर वप्रोंट (उन्गवलओों के वनशान) वकस िु सरे प्राण से नह वमलते वफर
चाहे वच आइडें वटकल विन या एकयुग्मनज जुड़वााँ ह क्चों न हच | हस्तरे खा से भववष्य जानने के रहस्य
कच भ इस वलए खचजा गया था | प्राकृवतक रूप से उत्पन्न कचई भ एक वस्तु हमे शा िू सर से वभन्न
हचग यह प्रकृवत का वनयम है | एक ह ब ज और जड़ से उत्पन्न पौधे क भ सभ टहवनयाों और
पत्ते कभ एक समान नह हचते | केवल कृवत्रम रूप में वनयस्ित पररस्स्थवत व् वातावरण में मश नचों
िारा एक समान वस्तु एों तैयार क जा सकत हैं | सौर मों डल में उपस्स्थत वपण्ड व् ग्रह एक ह सूया
से उत्पन्न हचने पर भ अलग हैं और अलग प्रभाव िे ते हैं |

आध्यास्िक दृविकचण से कमा वसद्ाों त व् जन्म, पूवा जन्म एवों पुनजा न्म भ एक कारण है वजस से
प्रत्येक व्यस्ि अपने वकये कमों के अनु सार ज वन में पररणाम भचगता है और हर एक ज व आिा
िू सर ज व आिा से वभन्न हचत है |

यवि हम ज्यचवतष ववद्या के अध्ययन िारा भववष्य ज्ञात करने का प्रयास करें तच यह अवनवाया है वक
हम सह जन्म समय के आधार पर गणना करें | ज्यचवतष ववषय काल गणना का ववषय है वजस में
समय सबसे अवधक महत्वपूणा वबोंिु है | समय क सूक्षम गणना के आधार पर ह ग्रहचों क सट क
स्स्थवत का पता लगता है और जन्म कुण्डल ों बनाई जात है | आधुवनक समय में जन्म समय वमनट
या अवधक से अवधक से कोंड तक ह पररकवलत वकया जाता है | जबवक ज्यचवतष में ग्रह, तारचों या
अन्य खगचल य वपण्डचों क चाल, गवत, िू र व् स्स्थवत वनधाा ररत करने के वलए वसड ररयल टाइम या
नक्षत्र समय का प्रयचग वकया जाता है वजसका वणान वेिचों व् सूया वसद्ान्त में विया गया है | इस
पिवत िारा समय कच सू क्ष्म रूप में वगीकृत वकया है वजस से पृथ्व से तारचों क गणना वैज्ञावनक
मापिों ड पर भ सह हच सके | इस पिवत के अनुसार समय कच मू हता, र्ट , पल, ववपल, प्राण,
ल क्षक, लव, रे णु व् त्रु ट जै स सूक्ष्म इकाईयचों तक ववभावजत वकया है | समय क सबसे सूक्ष्म
इकाई त्रु ट एक सेकोंड के बत्त स लाख चाल स हजारवें वहस्से के बराबर हचत है | यवि जुड़वााँ बच्चों
के जन्म समय कच सेकोंड अथवा वमल सेकोंड तक भ जान वलया जाय तब भ यह तय कर पाना क
काल कौन स त्रु ट में था, यह असम्भव ह है क्चोंवक एक सेकोंड में बत्त स लाख चाल स हज़ार त्रु ट
हचग |

यवि िच जु ड़वाों बच्चों का जन्म समय एक ह मान वलया जाये तच क्ा एक ह कुण्डल कच िच बार
िे खने से अलग – अलग ववश्लेषण या पररणाम प्राप्त हचगा | यह धारणा वबलकुल गलत है क जु ड़वााँ
बच्चों का जन्म समय समान हचता है | वगन ज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ा ररकॉडा के अनु सार ववश्व में जु ड़वााँ
बच्चों के जन्म समय क अववध में सबसे कम समय का अोंतर एक वमनट का िजा हुआ है जच वक
केसेंडरा फ्लचरे स नामक अमर क मवहला ने सेंट जचसफ हॉस्िटल केवलफचवना या में 9 जु लाई 2013 कच
13:39 व् 13:40 बजे जुड़वााँ बच्चों कच जन्म िे ने पर हुआ है | इस प्रकार एक पोंद्रह वषा तक क
गय एक जमा न शचध के अनु सार जु ड़वााँ बच्चों के जन्म समय में औसत अववध का अोंतर 13.5 वमनट
का पाया गया है वजस से सावबत हचता है वक ज्यचवतष दृविकचण से भ जुड़वााँ बच्चों का भववष्य व्
ज वन एक समान नह हच सकता क्चोंवक उनका जन्म समय जच ज्यचवतष का आधार है , कभ एक
समान नह हचता |

इन सभ कारणचों से चाहे वह ज वववज्ञान से सम्बस्ित हचों, प्रकृवत क रचना, कमा वसद्ाों त, पूवा जन्म
का पररणाम, भाग्य, हस्तरे खा या ज्यचवतष ववषय हच, यह वनवश्चत हचता है वक प्रत्येक व्यस्ि का ज वन
और भववष्य कभ िू सरे व्यस्ि के समान नह हच सकता चाहे वह जु ड़वााँ ह क्चों न हचों |

- आश ष भगचररया

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