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(Introduction to Cyber Security)
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क्रदसंबर 2017 के ऄंत तक, भारत में 481 वमवलयन ईपयोगकतात थे। आनकी संख्या िषत 2016 की
तुलना में 2017 तक 11.34% बढ़ गइ। आं टरनेट ईपयोग के विकास की गवत हमें वडवजटल समाज की
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क्रकए ह। ईदाहरण के वलए- वडवजटल भारत कायतिम।
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ओर ऄग्रसर कर रही है और स्ियं सरकार ने भारत के वडवजटलीकरण के वलए विवभन्न कायतिम अरम्भ
2016 में राष्ट्रीय ऄपराध ररकॉर्डसत ब्यूरो (National Crime Records Bureau: NCRB) ने
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12,317 साआबर िाआम के मामलों की सूचना दी, जो 2015 की तुलना में 6% ऄवधक है। साआबर
सुरक्षा से संबंवधत कु छ अंकडे वनम्नवलवखत ह
प्राआस िाटरहाईस कू पसत (PwC) और एसोचैम (ASSOCHAM) के संयुि ऄध्ययन के ऄुनसार
2011 से 2014 तक की तीन िषत की ऄिवध में, भारत में पंजीकृ त साआबर ऄपराध के मामलों की
संख्या में 350 प्रवतशत की िृवद्ध हइ है।
ऄवधकतर हमले संयक्
ु त राज्य ऄमेररका, तुकी, चीन, ब्राजील, पाक्रकस्तान, ऄल्जीररया, यूरोप और
संयुि ऄरब ऄमीरात जैसे देशों से क्रकया गया।
साआबर हमलों के कारण भारत के सुरक्षा वनवहताथों को वनम्नवलवखत ईदाहरणों से समझा जा सकता है
2012 में, एक ईच्च प्रोफाआल साआबर हमले ने लगभग 12,000 व्यवियों के इमेल खातों में
सेंधमारी की, आन व्यवियों में विदेश मंत्रालय, गृह मंत्रालय, रक्षा ऄनुसंधान एिं विकास संगठन
(DRDO) और भारत-वतब्बती सीमा पुवलस (ITBP) के ऄवधकारी भी सवम्मवलत थे।
2013 में, परमाणु उजात वनगम (NPCIL) के कायतकारी वनदेशक ने कहा क्रक ऄके ले ईनकी कं पनी
को एक क्रदन में दस लवक्षत हमलों को ऄिरुद्ध करने के वलए वििश होना पडा था।
2016 में 32 लाख डेवबट काडत खतरे में अ गए थे।
वडवजटल हस्ताक्षर, हस्ताक्षर का एक आलेक्रॉवनक रूप है। जैसे हस्तवलवखत हस्ताक्षर द्वारा क्रकसी
दस्तािेज़ को प्रमावणत क्रकया जाता है, ठीक िैसे ही वडवजटल हस्ताक्षर आलेक्रॉवनक दस्तािेजों को
प्रमावणत करता है।
वडवजटल वसग्नेचर सर्टटक्रफके शन (DSC) को पहचान को प्रमावणत करने, आं टरनेट पर सेिाओं तक पहाँचने
या कु छ दस्तािेजों पर वडवजटल रूप में हस्ताक्षर करने हेतु आलेक्रॉवनक रूप से प्रस्तुत क्रकया जा सकता है।
सूचनाओं के विवनमय की पूणत गोपनीयता सुवनवश्चत कर DSC द्वारा ऑनलाआन लेनदेन हेतु ईच्च स्तरीय
सुरक्षा प्रदान की जाती है।
आस प्रमाणपत्र के ऄंतगतत ईपयोगकतातओं की पहचान (नाम, वपन कोड, देश, इमेल एड्रेस, प्रमाणपत्र जारी
करने का क्रदनांक और प्रमाणन प्रावधकारी का नाम) सम्बंधी सूचनाएं शावमल होती ह। एक लाआसेंस प्राप्त क
प्रमाणन प्रावधकारी (certifying authority : CA) वडवजटल हस्ताक्षर जारी करता है। CA से अशय
एक ऐसे व्यवि से है वजसे सूचना प्रौद्योवगकी ऄवधवनयम, 2000 की धारा 24 के तहत वडवजटल हस्ताक्षर
प्रमाणपत्र जारी करने का लाआसेंस प्रदान क्रकया गया हो। प्रमाणन प्रावधकाररयों द्वारा DSC जारी करने
हेतु वलया गया समय ऄवधकतम एक सप्त काह तक हो सकता है।
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अपरावधक कृ त्य (criminal offences) ईपधाराएं
(subsection)
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ू ना सेिा अक्रद द्वारा अिामक सन्देश भेजने हेतु दंड।
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चुराए गए कं प्यूटर संसाधन या संचार युवि को बेइमानी से प्राप्त क करने के वलए 66B
दंड।
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पहचान चोरी के वलए दंड। 66C
कं प्यूटर संसाधन का ईपयोग करके प्रवतरूपण द्वारा छल करने के वलए दंड। 66D
कामुकता व्यि करने िाले कायत अक्रद सामग्री के आलेक्रॉवनक रूप से प्रकाशन के 67A
वलए दंड।
कामुकता व्यि करने िाले कायत में बालकों को वचवत्रत करने िाली सामग्री के 67B
आलेक्रॉवनक रूप से प्रकाशन के वलए दंड।
CERT-In का गठन भारत में साआबर हमले को विफल करने हेतु क्रकया गया है। आसे साआबर सुरक्षा के
वलए ईतिजरदायी राष्ट्रीय एजेंसी के रूप में कायत करने के वलए IT संशोधन ऄवधवनयम, 2000 के ऄंतगतत
वमशन- “सक्रिय कारत िाइ तथा प्रभािकारी सहयोग के माध्यम से भारत की दूरसंचार तथा सूचना
महत्िपूणत सूचना ऄिसंरचना (CII) को आस प्रकार पररभावषत क्रकया गया है "ऐसा कं प्यूटर संसाधन,
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वजसकी ऄक्षमता या विनाश, राष्ट्रीय सुरक्षा, ऄथतव्यिस्था, साितजवनक स्िास््य या सुरक्षा पर दुष्प्रभाि
डालेगी।"
CERT-Fin का गठन भी वितिजीय वस्थरता तथा विकास पररषद् (Financial Stability and
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Development Council: FSDC) की एक ईप-सवमवत की ऄनुशंसाओं के अधार पर वितिजीय क्षेत्र से
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सम्बंवधत खतरों से वनपटने के वलए एक विशेषज्ञ एजेंसी के रूप में क्रकया गया है।
आसे महत्िपूणत सूचना ऄिसंरचना संरक्षण हेतु एक राष्ट्रीय नोडल एजेंसी के रूप में नावमत क्रकया गया
है। आसके कायत तथा कततव्य वनम्नवलवखत ह
देश के महत्िपूणत सूचना ऄिसंरचना की सुरक्षा।
सभी महत्िपूणत सूचना ऄिसंरचना संबंधी घटकों की पहचान।
महत्िपूणत सूचना ऄिसंरचना की सुरक्षा हेतु राष्ट्रीय तथा ऄंतरातष्ट्रीय सहयोग संबंधी रणनीवत का
विकास तथा कायातन्ियन।
2.4.4. भारतीय साआबर ऄपराध समन्िय कें द्र (I4C) और साआबर योद्धा पु वलस बल
(Indian cyber-crime coordination centre (I4C) and Cyber Warrior Police force)
आन्हें साआबर खतरों, बाल-ऄश्लीलता और ऑनलाआन स्टॉककग (पीछा करना) जैसे आं टरनेट ऄपराधों से
वनबटने के वलए नि-वनर्षिमत साआबर और सूचना सुरक्षा (CIS) विभाग (गृह मन्त्रालय के अधीन) के
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वडवजरटवलकरण और स्िचालन के वलए प्रारम्भ क्रकया गया एक समर्षिपत क्लाउड है। यह राष्ट्रीय
क्लाईड पहल (national cloud initiative) मेघराज के ही समान है।
सिोतिजम कायतप्रणाली और ईनके वलए िैधावनक समथतन का ऄभाि, ईदाहरण के वलए भारत में
प्रकटीकरण (वडस्क्लोजर) के मानदंड ही नहीं ह।
सरकार ने “महत्त्िपूणत सूचना ऄिसरं चना” के सरं क्षण हेतु ईपायों की न तो ऄभी तक पहचान की है
और न ही आसका कायातन्ियन क्रकया है।
2014 में राष्ट्रीय साआबर सुरक्षा समन्ियक की वनयुवि के ऄनुपरू क के रूप में राज्यों में समन्िय
ऄवधकाररयों की वनयुवि ऄभी तक नहीं की गइ है।
IT ऄवधवनयम, 2000 के विवभन्न प्रािधानों तथा साआबर ऄपराधों से सम्बवन्धत IPC की विवभन्न
धाराओं के बारे में स्थानीय पुवलस के ऄन्दर जागरूकता की कमी।
विमुद्रीकरण के पश्चात सरकार ने वबना क्रकसी क्षमता वनमातण के और ईपकरणों की सुरक्षा या
लेनदेन के प्रवत जागरूकता पैदा क्रकए वबना ही नागररक िगत को ‘नकद रवहत (कै शलेस)’ हो जाने
के वलए प्रेररत क्रकया, वजससे ईनकी सुभेद्यता बढ़ी है।
आसके ऄवतररि, एक स्माटत वसटी, शहरी गवतशीलता, जल और वबजली की अपूर्षित, स्िच्छता, QD
अिास, इ-शासन, स्िास््य और वशक्षा, सुरक्षा और संधारणीयता के मूलभूत तत्ि सभी सूचना
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प्रौद्योवगकी (IT) की शवि से ही बंधे ह और आसके द्वारा ही संचावलत होते ह। कोर आं फ्रास्रक्चर
सेिाओं के वितरण और प्रबंधन में अइटी (IT) के बडे पैमाने पर ईपयोग को देखते हए, स्माटत शहर
में ईत्पन्न नागररक डेटा की मात्रा समय के साथ तेजी से बढ़ने की ईम्मीद है। िततमान IT
ऄवधवनयम स्माटत वसटी से ईत्पन्न होने िाले वसविल डेटा के वलए पयातप्त क सुरक्षा नहीं प्रदान कर
सकता है।
साआबर युद्ध में साितजवनक और वनजी क्षेत्र दोनों ही शावमल होते ह। वनजी क्षेत्र द्वारा अन्तररक
भागीदारी की अिश्यकता है, क्योंक्रक यक्रद िे बडे नहीं तो बराबर के भागीदार ह। वनयवमत बैठकें
अयोवजत की जानी चावहए और यक्रद अिश्यक हो, तो कायतकारी समूह बनाए जाने चावहए। िततमान
संगठन वजन्हें साआबर युद्ध का सामना करने के वलए ईतिजरदायी बनाया जा सकता है, ईनमें NTRO,
DRDO, RAW और IB, CERT, NASSCOM के प्रवतवनवध सवम्मवलत ह। भारत सरकार द्वारा
क्रकए जाने िाले विवभन्न ईपाय आस प्रकार ह
भारत साआबर युद्ध का मुकाबला करने के ईतिजरदावयत्ि के साथ एक साआबर कमांड की स्थापना
कर सकता है, वजसमें DRDO और ऄन्य विशेषज्ञों के साथ सशस्त्र बल भी होने चावहए।
धारणा प्रबन्धन (Perception management) और सोशल नेटिकत को सािधानी से सम्भाला
जाना चावहए, क्योंक्रक “सूचना की तत्काल ईपलब्धता” मनोिैज्ञावनक और सम्पकत -रवहत युद्ध के
वलए सम्भावित ईपकरण प्रदान करता है। आसे क्रकसी अिामक या रक्षात्मक कायतिाही का भाग
बनना चावहए।
यह क्षेत्र सुरक्षा की दृवष्ट से महत्िपूणत होने के साथ ही भविष्य में लाखों नौकररयााँ भी ईत्पन्न करे गा,
वजसका भारत लाभ ईठा सकता है।
क्षमताओं को विकवसत करने के कानूनी पक्षों, साआबर स्पेस को “सैन्य बल” के रूप में प्रयोग करना
सीखने, संयुि राष्ट्र चाटतर प्रभािी बनाने, ऄंतरातष्टीय कानूनों और संवधयों पर िातातओं के वलए
प्रवशवक्षत कर्षिमयों की अिश्यकता है। आन सभी पर विशेष ध्यान देने की अिश्यकता है।
चूंक्रक वनजी क्षेत्रक महत्िपूणत सूचना ऄिसरं चना प्रदान करने में समान रूप से महत्ि रखता है
(ईदाहरण के वलए–दूरसंचार क्षेत्र ऄवधकतर वनजी क्षेत्र द्वारा संचावलत है) ऄतः सितजवनक-वनजी
भागीदारी मॉडल का ईपयोग करके वनजी क्षेत्र के साथ कायत करने की अिश्यकता है।
CERT-in जैसे सरकारी क्षेत्र और वनजी क्षेत्र के मध्य सुरक्षा सूचना साझाकरण और विश्लेषण
के न्द्रों के माध्यम से सूचना साझाकरण और समन्िय हेतु एक तन्त्र स्थावपत क्रकया जाना चावहए।
सरकार वनजी क्षेत्र की महत्िपूणत सूचना ऄिसंरचना की सुरक्षा सुवनवश्चत करने के वलए वनयामक
तन्त्र स्थावपत कर सकती है और ऐसे मानदंडों का पालन करने के वलए प्रोत्साहन भी प्रदान करना
चावहए।
भारत सरकार को NASSCOM के साथ वडवजटल सुरक्षा के क्षेत्र में काम करने िाले स्टाटत-ऄप्स
को बढ़ािा देना चावहए।
भारत टैवलन मैनुऄल (Tallinn Manual) जैसी सिोतिजम ऄंतरातष्ट्रीय प्रथाओं का पालन कर सकता
है। यह साआबर ऄपराधों पर लागू होने िाले कानूनों से सबंवधत शैक्षवणक कायत (academic
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work) है, वजसका संयुि राज्य ऄमेररका जैसे विकवसत राष्ट्र पालन कर रहे ह।
कोइ िह ऄंश होता है, जो डेटा, वडिाआस या लोगों को क्षवत पहंचा सकता है।
मॉलिेयर की कायतविवध
क्रकसी मॉलिेयर को विवशष्ट वनदेश क्रदए जाते ह, जो आसे जहां तक संभि हो सके , आं टरनेट से जुडे
ईपकरणों पर कब्ज़ा करने के वलए वनदेवशत करते ह।
प्रोग्राबमग के ऄनुसार मॉलिेयर आं टरनेट से जुडी वडिाआस को ‘bots’’ में पररिर्षितत कर देता है और
एक बोटनेट का वनमातण प्रारम्भ कर देता है।
रीपर (Reaper) और सैपोशी (Saposhi) जैसे मॉलिेयर ईपकरणों में ईपवस्थत कमजोररयों की
पहचान करने और ईपकरणों को बोवस में पररिर्षितत करने में सक्षम ह।
एक बार पयातप्त क बोवनेट का वनमातण हो जाने पर एक ही सितर पर एक साथ ऄत्यवधक मात्रा में
बपग्स भेजे जाते ह वजसके पररणामस्िरुप सितर ठप हो जाता है। आसे वडवस्रब्यूटेड वडनायल ऑफ
सर्षििस (DDOS) हमला कहा जाता है।
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Bot herder Control server **
Botnet
Internet
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• A malicious software •As the number of pings are far beyond the
first creates a network server 's capacity, the server crashes and denies
of bots - called botnets service to its consumers
•It then uses all the • DDoS attacks knock off web services and
botnets to ping a network connectivity by bombarding servers i
single server at the with millions of packets, which in turn overload Compromised server
same time the server's target, making them defunct
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कम्प्यूटर को लॉक कर देता है और सब कु छ वमटाने की धमकी देता है – जब तक ईसे कं प्यूटर के
मावलक द्वारा क्रफरौती नहीं दी जाती है।
एडिेयर (Adware): ये सुरक्षा में सेंध लगाते ह और कइ ऄन्य मालिेयर को वसस्टम में प्रिेश करा
सकते ह।
बोटनेवस (Botnets): बोटनेट संिवमत कं प्यूटरों का नेटिकत है वजन्हें हमलािर के वनयन्त्रण में एक
साथ काम करने के वलए बनाया जाता है।
संयुि राष्ट्र महासभा ने वनयवमत रूप से सूचना सुरक्षा पर प्रस्ताि पाररत क्रकये ह। साआबर ऄपराध पर
यूरोपीय ऄवभसमय (European Convention on Cybercrime) जैसी कइ क्षेत्रीय पहलें दशकों से
विद्यमान ह। आन प्रयासों को िैविक साआबर स्पेस ऄवभसमय के रूप में समेक्रकत क्रकया जा सकता है।
चूाँक्रक ऄन्तररक्ष, वमसाआल अक्रद जैसे ऄन्य क्षेत्रों में प्रौद्योवगकी वनयन्त्रण व्यिस्थाओं का ऄवस्तत्ि है
ऄतः िैसी ही प्रौद्योवगकी वनयन्त्रण व्यिस्था आस क्षेत्र में भी विकवसत हो सकती है, जो भारत के
सम्प्रभु वहतों को हावन पहंचा सकती है।
साआबर ऄपराध पर यूरोपीय ऄवभसमय (European Convention on Cybercrime) जैसी
सवन्धयााँ प्रमुख ऄंतरातष्ट्रीय शवियों के वहतों के वलए पक्षपातपूणत ह।
भारत को पहले ऄपनी आन साआबर क्षमताओं को ऐसे स्तर तक विकवसत करना चावहए क्रक िह आन
वनयन्त्रण व्यिस्थाओं के दायरे से बाहर हो जाये।
आन संवधयों और सम्मेलनों से जुड कर प्राप्त क होने िाले लाभों और ऄिसरों की तुलना में
ऄलगाििादी दृवष्टकोण से नगण्य या शून्य लाभ प्राप्त क होगा।
ये सब सवन्धयााँ और ऄवभसमय शैशिािस्था में ह और ऄभी विकवसत हो रहे ह। भारत सक्रिय रूप
से ईनके मसौदे अक्रद तैयार करने में सवम्मवलत हो सकता है और ईन्हें ऄपने सम्प्रभु वहतों के
ऄनुरूप गरठत कर सकता है।
ईभरती साआबर सुरक्षा चुनौवतयों से सम्बवन्धत विवभन्न मुद्दों पर विचार-विमशत के वलए क्रकया गया
था।
वशखर सम्मेलन का विषय – वडवजटल आवण्डया – ‘वसक्योररग वडवजटल आंवडया’ है
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3.7.3. ICANN
हाल ही में, िानािाइ नामक एक रै नसमिेयर ने विि भर में 100,000 से ऄवधक कं प्यूटरों को संिवमत
कर क्रदया था। कम्प्यूटर को प्रभावित करने िाले मालिेयर कइ प्रकार के होते ह, आनमें जानकारी की
चोरी करने से लेकर वडिाआस पर विद्यमान सभी डेटा को समाप्त क कर देने िाले मालिेयर सवम्मवलत
होते ह। िानािाइ से सिातवधक प्रभावित देश यूनाआटेड ककगडम था, जहां राष्ट्रीय स्िास््य सुविधा
संगठन (National Health Service trusts) प्रभावित हए थे वजससे स्िास््य सेिाओं में व्यापक स्तर
पर व्यिधान ईत्पन्न हअ था।
रै नसमिेयर सामान्यतया डेटा को बलपूितक एवन्िप्ट कर ईपयोगकतातओं को ऄपने ही वसस्टम से लॉग
अईट कर देता है औ, यक्रद िे एंक्रिप्टेड डेटा का ईपयोग करना चाहते है तो ईनसे क्रफरौती का भुगतान
करने के वलए कहता है (िानािाइ के मामले में, वबटकॉआन में क्रफरौती के भुगतान की मांग की गइ थी)।
संिवमत कम्प्यूटर ऄवधकतर पुरानी वडिाआसेज़ थीं या कु छ मामलों में विवनमातण या ऄस्पताल के कायों
में ईपयोग की जाने िाली मशीनें थीं वजन्हें महत्िपूणत कायों को रोके वबना सही करना ऄत्यंत करठन
वसद्ध हअ।
भारत पर प्रभाि
भारत की सुभेद्यता बहत ईच्च थी क्योंक्रक ऄवधकतर अवधकाररक कम्प्यूटर बिडोज़ (Windows)
QD
पर चलते थे और ईन्हें वनयवमत रूप से रूप से ऄपडेट नहीं क्रकया गया था।
बडी मात्रा में ईपलब्ध ऑनलाआन व्यविगत डेटा ऄब अधार डेटा से भी जुडा हअ है आसवलए
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भविष्य में होने िाले ऐसे हमले कइ वमवलयन भारतीयों की वनजता को सुभेद्य बना सकते ह।
पेट्या नामक एक और रै नसमिेयर की पुवष्ट की गयी वजस पर CERT-In ने एक परामशत जारी क्रकया।
सूचना प्रौद्योवगकी ऄवधवनयम, 2000 की धारा 84A के ऄंतगतत एवन्िप्शन के वलए विधाएाँ या विवधयााँ
वनधातररत करने के वलए वनयमों का गठन क्रकया जाना है। आस संबंध में, सरकार द्वारा स्थावपत एक
विशेषज्ञ समूह द्वारा राष्ट्रीय एवन्िप्शन नीवत का प्रारूप तैयार क्रकया गया था। हालांक्रक, बाद में नीवत के
प्रारूप को िापस ले वलया गया। आसका ईद्देश्य राष्ट्रीय स्तर पर महत्िपूणत सूचना प्रणाली और नेटिकत
समेत साआबरस्पेस में व्यवियों, व्यिसायों, सरकार के वलए सूचना सुरक्षा पररिेश एिं सुरवक्षत लेनदेन
को सक्षम करना था।
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का ईपयोग करने िाले, भारत के भीतर और बाहर वस्थत सेिा प्रदाताओं को सरकार के साथ एक
ऄनुबंध करने की अिश्यकता होगी। यह व्यिहाररक नहीं है क्योंक्रक विश्ि भर में ऐसे सेिा
प्रदाताओं की संख्या बहत ऄवधक है जो एवन्िप्शन का ईपयोग करते ह। आन सभी के वलए भारत
सरकार के साथ ऄनुबंध करना ऄत्यवधक ऄयथाथतिादी होगा।
डेटा की एक प्रवतवलवप रखने के वलए विशाल भंडारण की अिश्यकता होगी और ईसकी लागत JV
ऄत्यवधक अएगी।
ऐसी अशंका है क्रक आस नीवत से एक नया 'रवजस्रेशन राज' अरम्भ हो जाएगा, क्योंक्रक ऄब भारत
में ईपयोग की जा सकने िाली सभी एवन्िप्शन प्रौद्योवगक्रकयों को संबंवधत एजेंवसयों द्वारा
प्रमावणत और सूचीबद्ध करने की अिश्यकता होगी।
हालांक्रक, भारत को वनम्नवलवखत कारणों से आनक्रिप्शन नीवत की अिश्यकता है
आं टरनेट संचार और लेन-देनों की सुरक्षा/गोपनीयता सुवनवश्चत करने के वलए एवन्िप्शन के ईपयोग
को बढ़ािा देने हेतु।
पररष्कृ त एवन्िप्शन प्रौद्योवगकी के युग में ऄपराधों और राष्ट्रीय सुरक्षा के खतरों की जांच की
सुविधा के वलए।
एवन्िप्शन प्रौद्योवगकी में ऄनुसंधान को बढ़ािा देने के वलए क्योंक्रक यह प्रवतबंवधत है और िासेनार
ऄनुबंध के ऄंतगतत भारत को ईपलब्ध नहीं है।
ऄवधकावधक भारतीयों को ऑनलाआन सुविधाओं का ईपयोग करने हेतु प्रोत्सावहत करने के वलए,
देश के ऄविकवसत साआबर सुरक्षा क्षेत्र को मजबूत बनाने के वलए और ररटेल एिं इ-गिनेंस में
ईपभोिा वििास का वनमातण करने के वलए।
एवन्िप्शन के दुरुपयोग पर ऄंकुश लगाने के वलए।
ईदाहरण के वलए - अतंकिादी ऄबू दुजाना के iPhone 7 का मामला। सुरवक्षत ईपकरणों से वनपटने के
दौरान स्ियं कानून प्रिततन एजेंवसयों को एवन्िप्शन के बढ़ते ईपयोग के कारण होने िाली समस्याओं का
सामना करना पडता है। आसवलए ऄब तक, भारतीय खुक्रफया एजेंवसयााँ एंक्रिप्टेड ईपकरणों की सुरक्षा
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न्यावयक सुनिाइ के माध्यम से वसविल न्यायालय से प्राप्त क न्यायालयी ऄनुज्ञा-पत्र (court warrant) से
समर्षिथत होनी चावहए। नीवत द्वारा देश के भीतर सूचना/डेटा के विवनयवमत ईपयोग पर वनदेश प्रदान
क्रकया जाना चावहए और यह सुवनवश्चत क्रकया जाना चावहए क्रक हमारी सरकारी एजेंवसयााँ अतंकिाद,
JV
राष्ट्रीय सुरक्षा और महत्िपूणत ऄिसंरचना से संबंवधत गंभीर मुद्दों की जांच के वलए आन्हें प्राप्त करने में
समथत हों।
नइ नीवत में इ-कॉमसत कं पवनयों जैसे ईद्यमों पर ध्यान देने की अिश्यकता होगी ताक्रक ग्राहक के वितिजीय
और व्यविगत डेटा को सुरवक्षत रखने के वलए ईनके एवन्िप्शन की गुणित्ता को सुवनवित क्रकया जा
सके । नीवत को विश्ि भर में स्िीकृ त प्रौद्योवगक्रकयों के ईपयोग की व्यिस्था करनी चावहए। आसे समय-
समय पर ईनका पुनरीक्षण करने पर भी विचार-विमशत करना चावहए जो आस क्षेत्र की गवतशीलता को
देखते हए बहत महत्िपूणत है।
जीती जागती वमसाल है।
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ऐसी कोइ राष्ट्रीय सुरक्षा ऄिसंरचना नहीं है जो साआबर खतरों की प्रकृ वत का अकलन
कर सके और प्रभािशाली ढंग से ईनका जिाब दे सकें ।
ओपन सोसत सॉफ्टिेयर का ईपयोग करने से जुडे सुरक्षा जोवखम।
JV
नेशनल साआबर वसक्यूररटी पॉवलसी (NCSP) द्वारा ऄवनिायत क्रकए जाने के बािजूद,
साआबर सुरक्षा में प्रवशवक्षत कर्षिमयों का ऄभाि।
साआबर स्पेस में आन सुभेद्यताओं के कारण वडवजटल आं वडया कायतिम की सफलता िास्ति में
खतरे में पड जाती है। यक्रद साआबर सुरक्षा पयातप्त क न हो तो आसकी िजह से लाभ से ज्यादा
नुकसान हो सकता है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा, नागररकों की गोपनीयता ि वितिजीय सुरक्षा को
खतरे में डाल सकता है और गरीब नागररकों को धोखाधडी और धोखेबाजी के चंगुल में फं सा
सकता है। आसवलए, आष्टतम लाभ पाने हेतु साआबर सुरक्षा ऄिसंरचना को सशि करना ऄवत
अिश्यक है
साआबर बुवनयादी ढााँचे और डेटा की सुरक्षा पर जोर देने के साथ व्यापक साआबर सुरक्षा
नीवत तैयार करना।
NCSP की कवमयों पर ध्यान देना और ईसे सािधानीपूिक
त लागू करना।
भारत की साआबर रणनीवत (काफी हद तक आसके परमाणु वसद्धांत की भांवत) की
रूपरे खा िाले एक दस्तािेज के मागतदशतन में नैशनल साआबर वसक्यूररटी एजेंसी
(NCSA) की स्थापना करना।
साआबर सुरक्षा में कर्षिमयों का प्रवशक्षण और ऄत्यंत कु शल अइटी कायतबल का दोहन
करना। आस मामले में चीन से सीखा जा सकता है, वजसने सुदढ़ृ साआबर सुरक्षा बुवनयादी
ढांचा विकवसत क्रकया है।
भारत को लगातार बढ़ते जरटल साआबर ऄपराधों से वनपटने के वलए कानूनी ऄिसंरचना
विकवसत करनी चावहए।
2. NATGRID को एक ऐसे विचार के रूप में प्रस्तुत क्रकया गया है वजससे भारत के बाहर
ईभरने िाले अतंकिाद का सामना करने में प्रयाप्त क सहायता वमलेगी। आस संदभत में,
NATGRID से भारतीय सुरक्षा अर्दकटेक्चर सुदढृ होगा, परीक्षण करें ।
दृवष्टकोण
NATGRID के विचार की ईत्पवतिज और ईद्देश्य के बारे में संवक्षप्त क पृष्ठभूवम प्रदान करने के साथ
ईत्तर अरम्भ कीवजए।
ईसके बाद यह प्रदर्षिशत कीवजए क्रक यह क्रकस प्रकार भारत की सुरक्षा अर्दकटेक्चर को मजबूत
बनाने और अतंकिाद से संघषत में एक महत्िपूणत ईपकरण वसद्ध होगा।
ईसके बाद आस पररयोजना के बारे में कु छ अशंकाओं पर भी प्रकाश डावलए।
तत्पश्चात दुरुपयोग के विरुद्ध सुरक्षा सुझाि देते हए सकारात्मक रटप्पणी के साथ ईतिजर समाप्त क
कीवजए।
ईतिजर
NATGRID की पृष्ठभूवम
NATGRID या राष्ट्रीय खुक्रफया वग्रड की स्थापना का विचार 26/11 के मुब
ं इ
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अतंकिादी हमले के बाद अया। आस विचार के पीछे व्यवियों के सभी डेटाबेसों को एक
ही डेटाबेस में विलय करने की ऄिधारणा है, वजस तक विवभन्न ऄवधकरणों द्वारा पहाँच
स्थावपत की जा सके ।
JV
NATGRID खुक्रफया और प्रिततन एजेंवसयों हेतु िांवछत जानकारी की त्िररत, सहज और
सुरवक्षत पहाँच प्राप्त क करने के वलए डेटाबेस के 21 सेट का नेटिकत वनर्षिमत करने तथा ईनको
अपस में वमलाने की कल्पना करता है।
लाभ और महत्ि
समन्िय और सहयोग - सुरक्षा एजेंवसयााँ आं वगत करती ह क्रक यद्यवप भारत के सभी राज्यों
में एक सक्षम पुवलस विभाग है, क्रकन्तु िे डेटा के ऄभाि में ऄसमथत रहते ह। ईदाहरण के
वलए यक्रद गुजरात मूल का एक अतंकिादी राजस्थान में वगरफ्तार कर वलया जाता है,
तो दोनों राज्यों की पुवलस टीमों को समन्िय करने की अिश्यकता होगी। ऄतीत में
हमने देखा है क्रक समन्िय की कमी के कारण और राज्यों के पुवलस विभागों के बीच ऄहं
के टकराि के कारण जानकारी को साझा नहीं क्रकया जाता। NATGRID से यह समस्या
हल हो जाएगी तथा संबंवधत विभाग एक-दूसरे के साथ वबना क्रकसी समन्िय के डाटाबेस
का ईपयोग कर सकें गे।
NATGRID पुवलस और खुक्रफया ब्यूरो को संक्रदग्ध पृष्ठभूवम के व्यवियों पर नजर रखने
में भी सहयोग करे गा। पुवलस ईसके सारे डेटा तक पहंच बना सके गी और आस डेटाबेस की
सहायता से ऐसे व्यवि द्वारा क्रकसी प्रकार की गवतविवध की जानकारी का पता भी
लगाया जा सके गा। ईदाहरण के वलए, एक संचावलत NATGRID द्वारा मुंबइ हमलों में
महत्िपूणत भूवमका वनभाने िाले पाक्रकस्तानी-ऄमेररकी डेविड कोलमैन हेडली को
िारदात से पूित ईस समय ही पकड वलया गया होता जब ईसने 2006 और 2009 के
बीच भारत की नौ बार यात्रा की थी।
3. साआबरस्पेस, बाह्य ऄंतररक्ष की भांवत, ऄसीम और सभी के वलए समान रूप से सुलभ है। आस
संदभत में, आसे शावसत करने हेतु संयि
ु राष्ट्र की भांवत एक वनकाय के गुणों और दोषों का
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मूल्यांकन करें । आसके ऄवतररि, आं टरनेट शासन संरचनाओं में सुधार लाने में भारत द्वारा ऄब
तक वनभाइ गइ भूवमका पर रटप्पणी करें ।
दृवष्टकोण
JV
पररचय में िततमान शासन संरचना की स्पष्ट समझ प्रवतबबवबत होनी चावहए। बहपक्षीय
दृवष्टकोण के विषयों-लोकतंत्रीकरण बनाम कें द्रीकरण और कइ सरकारों द्वारा वनयंत्रण पर
चचात करें । ऄनेक वहतधारकों की भागीदारी िाले बहपक्षीय दृवष्टकोण के संबंध में भारत द्वारा
स्िीकार की गइ स्ितंत्र वस्थवत का ईल्लेख करें ।
ईतिजर
साआबरस्पेस िैविक स्तर पर डेटा स्तर पर जुडी सभी अइ.टी. प्रणावलयों का अभासी
ऄंतररक्ष है। साितभौवमक और साितजवनक रूप से सुलभ कनेक्शन और पररिहन नेटिकत के रूप
में आं टरनेट, साआबर स्पेस का अधार है। िततमान में, आं टरनेट प्रमुख रूप से तीन गैर-लाभकारी
संस्थाओं- ICANN (International Commission for Assigned Names and
Numbers), IETF (Internet Engineering Task Force) और आं टरनेट सोसायटी
द्वारा वनयंवत्रत क्रकया जाता है। ICANN िह वनकाय है जो महत्िपूणत आंटरनेट संसाधनों
(CIR), जैसे क्रक डोमेन नेम सितर (DNS), को प्रबंवधत करता है। आन्हें, डॉट कॉम (.com)
तथा डॉट नेट (.net) डोमेन के स्िावमत्ि िाली िेरीसाआन (Verisign) जैसी वनजी कम्पवनयों
के साथ कै वलफोर्षिनया के कानूनों के ऄंतगतत वनगवमत क्रकया गया है तथा जो भी संपादन िे
करते ह, ईनकी लेखा परीक्षा और ईनका ऄनुमोदन ऄमेररकी िावणज्य विभाग (US-DoC)
द्वारा क्रकया जाता है। ऄमेररका द्वारा यह राजनीवतक वनरीक्षण ईसे आं टरनेट के वनयंत्रण पर
एकपक्षीय शवि देता है। चूंक्रक आं टरनेट विकवसत हो चुका है तथा सम्पू णत भूमण्डल में विस्तृत
हो चुका है, आसवलए कइ देश आन्टरनेट के संचालन के तौर-तरीकों पर ऄमेररका के ऄत्यवधक
प्रभाि के संबंध में प्रश्न ईठाते ह क्रक आस पर ऄमेररका का एकावधकार समाप्त क होना चावहए।
4. डीप िेब की अिश्यकता तथा हाल ही में सामना की गइ चुनौवतयों का िणतन कीवजए।
दृवष्टकोण
अिश्यकता एिं चुनौवतयों का िणतन करने हेतु ख़ुक्रफया एजेंवसयों के वनगरानी ऄभ्यासों तथा
वसल्क रोड के ईदाहरणों का प्रयोग कीवजए।
ईतिजर
डीप िेब आन्टरनेट का एक भाग है जहााँ तक सचत आं जन नहीं पहंचते। डीप िेब में िेबसाआवस के
रूप में ऄनेक सूचनाएं वछपी हइ रहती ह वजन्हें मानक सचत आंजन खोज नहीं पाते क्योंक्रक
ईनके पृष्ठ तब तक मौजूद नहीं होते जब तक क्रक ईन्हें एक वनर्ददष्ट सचत के माध्यम से गवतशील
रूप से वनर्षिमत नहीं क्रकया जाता।
यह एक गुमनाम नेटिकत का प्रयोग करता है वजसे ‘टोर’ (Tor) कहा जाता है जो डेटा को कू ट
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रूप प्रदान करता है और तब विि भर के प्रयोिाओं द्वारा स्थावपत विविध रीले (relays) में
डेटा के छोटे पैकेवस को वितररत करता है।
िततमान में डीप िेब की अिश्यकता है। यह खुक्रफया एजेंवसयों के वनगरानी ऄभ्यासों की
JV
खबरों के साथ वििेचनात्मक तथा महत्िपूणत दस्तािेजों को गुप्त क रखने हेतु यह ऄत्यंत
महत्िपूणत हो गया है। यह संिेदनशील विषयों के ऄनुसंधान हेतु समाधान तथा गुप्त क सैन्य
संचार और सरकारों, पुवलस आत्याक्रद को संिेदनशील दस्तािेजों के सुरवक्षत प्रस्तुवतकरण के
वलए सुविधाकारक भी हो सकता है। पत्रकार समुदाय को डीप िेब का ऄवधकतम प्रयोग
करना चावहए क्योंक्रक यह क्रकसी भी ऄन्य गोपनीय साधनों की तुलना में ऄवधक सुरवक्षत है।
परन्तु आसने कु छ चुनौवतयों को भी ईत्पन्न क्रकया है। डीप िेब ईन व्यवियों तथा संगठनों को
भी सेिा प्रदान करता है, वजन्हें वबना क्रकसी भय के सूचना जारी करने या संिाद करने के वलए
ऄनावमता की अिश्यकता होती है। यह कु छ समस्याओं का कारण बन सकता है। चूाँक्रक डीप
िेब ऐसे संचार को सुरवक्षत पररिेश प्रदान करते ह, साथ ही ऐसे संचार का पता लगाकर
ईसके विरुद्ध कारत िाही करना विवध प्रिततन ऄवभकरणों के वलये लगभग ऄसंभि हो जाता है।
टोर ब्राईज़र प्रयोिाओं को ऄज्ञात रूप से िेबसाआटों तक पहंचने और यहां तक क्रक होस्ट
करने, वबटकॉआन में भुगतान की ऄनुमवत प्रदान करने की सुविधा प्रदान करता है। हाल ही में
FBI ने ‘वसल्क रोड’ नामक एक ऄज्ञात ऑनलाआन मादक पदाथों के बाजार संचालक को
वगरफ्तार क्रकया था।डीप िेब के माध्यम से मादक द्रव्यों के ऄवतररि ऄनेक ऐसे ऄिैध ऄज्ञात
व्यिसाय जैसे क्रक हवथयारों का सौदा, ऄनुबंध हत्या (contract killing) अक्रद भी संचावलत
ह। आसवलए डीप िेब का वनरं तर प्रयोग करने से पहले एक बेहतर साआबर सुरक्षा ऄिसंरचना
ऄपनाइ जानी चावहए।
समय हो गया है, तथा ऄभी भी हमारे यहााँ साआबर ऄपराध ऄपराधों में दोषवसवद्ध की
दर ऄत्यंत कम ह।
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भारत में हैककग एक जमानती ऄपराध है जबक्रक संयुि राज्य ऄमेररका में यह एक गैर-
जमानती ऄपराध है।
मानि स्िभाि तथा मनोविज्ञान को ध्यान में रखते हए यह ऄपेक्षा करना स्िाभाविक
होगा क्रक यक्रद संबंवधत साआबर ऄपराधी को एक बार जमानत पर ररहा कर क्रदया गया
JV
तो िह तुरंत सभी आलेक्रोवनक साक्ष्यों और ईसके द्वारा क्रकए गए क्रकसी भी साआबर
ऄपराध के वचन्ह को लुप्त क, विनष्ट एिं हटा देगा। आस प्रकार कानून प्रिततन एजेंवसयों द्वारा
क्रकसी साआबर ऄपराध में वलप्त क व्यवि को ऄपराधी ठहराना लगभग ऄसंभि हो जाएगा।
एक व्यिस्था में ऄवधवनयम के ऄवतिमण के पश्चात् मौजूदा विवधयों का प्रयोग करते हए
क्रकसी को ऄपराधी ठहराना प्राय करठन होता है। आसके ऄवतररि अभासी डेटा के साथ
छेडछाड भी कानून में स्पष्ट रूप से पररभावषत नहीं है।
ऄमेररका और यूरोप में सम्पूणत विधान डेटा सुरक्षा के प्रवत समर्षिपत है। यद्यवप भारतीय
कानून के तहत आससे संबंवधत के िल दो प्रािधान ह। आसके ऄवतररि आन प्रािधानों में भी
स्पष्टता नहीं है।
जबक्रक हैककग हमले साआबर कानूनों के क्षेत्रावधकार में बने रहेंग।े यह भारत में वनजता
कानूनों का ऄभाि ही है जो साआबर ऄपरावधयों को सोशल नेटिकत पर प्रयोिाओं के डेटा
का दुरुपयोग करने की ऄनुमवत प्रदान करता है।
साआबर ऄपराधी साआबर कानूनों में कवमयों को पहचानते ह तथा ईनका ईपयोग बच
वनकलने के वलये कर रहे ह। सोशल नेटिक्सत पर ऄत्यवधक साआबर हमलों में यह प्रयोिा
ही है जो विद्वेषपूणत बलक्स पर वक्लक करता है और ऄज्ञानतािश िायरस या स्पैम को
ऄपने संपकों से गुजरने देता है। आस प्रकार के खतरों से वनपटने हेतु भारतीय साआबर
कानून में कोइ विवशष्ट प्रािधान नहीं है।
ऄमेररका में जब सोनी प्लेस्टेशन के नेटिकत को हैक कर वलया गया था तो प्रयोिाओं ने
कं पनी के विरुद्ध िाद दायर करिाया था। जबक्रक भारत में िे प्रयोिा वजनका डेटा लुप्त क
हो जाता है िे कं पनी के विरुद्ध कोइ भी कदम नहीं ईठाते।
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